पश्चिमके कदम सदा लूट केलिए उठे,हमारे पग सदा विश्वकल्याण हेतु आगे बड़े.जिस देश में गए,शोषण नहीं किया अर्थ व्यवस्था को उठाया.ऐसे समाज के प्रति मिडिया दुष्प्रचारसे ऑस्ट्रेलिया जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति,अन्यत्र हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है विश्वदर्पण. तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpan पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र- तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611, 09999777358.

what's App no 9971065525


DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची

https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प- (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :
Showing posts with label भारतीय सदस्यता. Show all posts
Showing posts with label भारतीय सदस्यता. Show all posts

Sunday, May 29, 2016

एनएसजी (प.आ.स.) सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थन

एनएसजी (प.आ.स.) सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थन 

एनएसजी सदस्यता के भारतीय प्रयास को अमेरिकी समर्थनन दि, 28 मई (तिलक)। वाशिंगटन में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स./एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए कहा है कि यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के बारे में है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं है और यह परमाणु हथियारों के बारे में भी नहीं है। यह परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण असैन्य उपयोग के बारे में है, और इसलिए हम निश्चित रूप से आशा करेंगे कि पाकिस्तान इसे समझेगा।’’ 
वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (प.आ.स.) की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और पाकिस्तान द्वारा इसका विरोध किए जाने के बारे में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। पाकिस्तान का कहना है कि प.आ.स. में भारत की सदस्यता से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ बढ़ेगी। जबकि, अमेरिका ने 48 सदस्यीय प.आ.स. की महत्वपूर्ण बैठक से पूर्व कहा है कि वह चाहता है कि भारत के प्रयास में कोई बाधा न आए। 
जबकि अमेरिका 48 देशों वाले प.आ.स. की महत्ती बैठक से पूर्व सब कुछ अच्छा होने की कामना कर रहा है। टोनर ने कहा, ‘‘देखिए, मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की वर्ष 2015 में हुई भारत यात्रा के मध्य उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका मानता है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की अनिवार्यताओं को पूरा करता है और सदस्यता के लिए तैयार है। किन्तु यह एक सर्वसम्मति वाली संस्था है इसलिए हम प्रतीक्षा करेंगे और देखेंगे कि मत किस ओर जाते हैं।’' 
उन्होंने कहा, ‘‘एनएसजी में नए सदस्यों के शामिल होने की संभावनाओं पर चर्चा वर्तमान सदस्यों का आंतरिक मामला है। मुझे लगता है कि वे नियमित रूप से बैठकें करते हैं और इससे आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।’’ प.आ.स. की आगामी बैठक इस उद्देश्य के लिए नहीं रखी गई है। टोनर ने कहा, ‘‘यह कोई विशेष बैठक नहीं है। मेरा मानना है कि इसे प्रमुख रूप से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अपनी रूचि को सार्वजनिक कर दिया है और निश्चित रूप से कोई भी देश सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। हम सर्वसम्मति से लिए निर्णय के आधार पर ध्यान करेंगे।’' 
अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, को प्रभावित करने वाली
जानकारी का दर्पण है: विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलक